सर्दियों के मौसम में बच्चों के देखभाल की ज्यादा जरूरत होती है। ऐसा इसलिए होता है कि बच्चों की इम्युनिटी पवार बड़ो के अपेक्षा कमजोर होती है। जैसे जैसे बड़े होते हैं उनका इम्यूनिटी सिस्टम भी स्ट्रांग होता जाता है। लेकिन कुछ टिप्स का उपयोग करके आप बच्चो के इम्यूनिटी सिस्टम को बूस्ट कर सकते हैं, जिससे कि वे सर्दियों में भी स्वस्थ रहें। और बीमार होने से बचें।
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फ्लू वैक्सीन टीकाकरण (Flu Vaccine Vaccination)
बच्चे सर्दी के मौसम में बार – बार बीमार न पड़ें, और सर्दी, जुकाम, खांसी, फ्लू आदि से बचे रहे। इसके लिए अपने बच्चों को फ्लू वैक्सीन जरूर लगवायें। इससे बच्चे की इन बीमारियों से लड़ने की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ जाती है।
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बच्चों के हाइजीन का रखें ख्याल (Take Care of Children’s Hygiene)
अगर आपका बच्चा 3-4 वर्ष का है तो उसके हाइजीन का खास तौर पर ध्यान रखें। क्योंकि बच्चे दिन भर जमीन पर खेलते रहते हैं। और बच्चे तो बच्चे होते हैं उन्हें अभी इस उम्र कुछ पता नहीं होता है। खेलते समय बच्चे किसी भी चीज को उठा लेते हैं, उसे मुंह मे भी रख लेते हैं। इससे कीटाणु मुंह के जरिए पेट के अंदर पहुंच जाते हैं, और बच्चे बीमार पड़ जाते हैं। इससे बचने के लिए बच्चों के साफ सफाई का विशेष ध्यान रखें। उनका हाथ बार बार धोते रहें। सैनिटाइज करते हैं। बच्चे जहां खेलते हैं उस जगह को अच्छे से साफ रखें ताकि आपका बच्चा गन्दगी और कीटाणुओं से दूर रहे।
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हल्दी दूध का करें उपयोग (Use Turmeric Milk)
अगर आपका बच्चा 5-10 वर्ष का है, तो आप उसे सादा दूध पिलाने के बजाय हल्दी वाला दूध पिलाइये। रात में सोने से पहले दूध में 1/2 चम्मच हल्दी पाउडर मिला कर अच्छे से गर्म कर लें। गर्म दूध बच्चों को पिलायें। हल्दी दूध पीने से रोग प्रतिरोधक क्षमता का विकास होता है। सोने से पहले हल्दी दूध पीने से रात में नींद अच्छी आती है। बच्चे हों या बड़े हल्दी दूध सबके लिए फायदेमंद होता है।
सरसों तेल की मालिश (Mustard Oil Massage)
सरसो के तेल में लहसुन और अजवाइन को डाल कर पका लें। और रात में जब बच्चा सोने जाए तो गले, सीने और पीठ पर इस तेल का मालिश करें। तेल का मालिश करने से शरीर मे गर्मी आती है। इस तेल के मालिश करने से सर्दी जुकाम पकड़ने की सम्भावना कम हो जाती है। आप चाहें तो तिल के तेल का उपयोग भी कर सकती हैं। लेकिन कुछ लोगों का मानना है कि, तिल के तेल को शरीर पर नहीं लगाते हैं। तिल के तेल को शरीर पर लगाने को अपशगुन मानते हैं।
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सीजनल फल और सब्जियों को खिलाएं (Feed Seasonal Fruits and Vegetables)
अक्सर देखा जाता है कि, आमतौर पर बच्चे फल और हरी सब्जियों को खाने से भागते हैं। लेकिन हरी सब्जियां और फल विटामिन और प्रोटीन का अच्छा स्रोत होती हैं। इसलिए बच्चों के डाईट प्लान में सीजनल फल और सब्जियों को शामिल करें। हरी सब्जियां, पत्ते वाली सब्जी, खट्टे फल भी शामिल करें क्योंकि खट्टे फल में विटामिन c की मात्रा पाई जाती है। इस तरह से आपका बच्चा स्वस्थ रहेगा। और स्वस्थ शरीर में ही स्वस्थ मस्तिष्क का वास होता है। इसके अलावा बच्चे का इम्युनिटी सिस्टम भी मजबूत होता है।
नोट : – ऊपर दी गई जानकारी इंटरनेट पर उपलब्ध जानकारियों में से एक है। यह लेख सिर्फ जानकारी के लिए है। अगर आपका बच्चा बार बार बीमार पड़ता है तो किसी अच्छे डॉक्टर से सलाह जरूर लें।
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